सवेरे हो तेरे, अँधियारी रात मेरी हो
तेरे दिल में प्यार की बरसात मेरी हो,
जहाँ जाऊँ तेरे नाम की दुआ साथ हो,
मेरी हर बात में तेरी ही बात हो
मेरे दिल की क़लम में, तेरी प्यार की स्याही
जो भी मैं लिखू, उसमें कहानी तेरी हज़ार हो
हर मंज़र नया जो हो तेरे अक़्स में धुला
ऐसे ख़याल में भी अपनी ज़िंदगी गुज़ार दूँ
मेरी आँखो में तेरी झलक हो बसी
तुझे मिलने का ही बस मुझे इंतेजार हो
हर लम्हे में खोजूँ तेरे निशाँ
तेरे बिन ख़ुशी के पल नकार दूँ
तू पास इस पल , तो पल है हसीन
तू दूर हो कभी वो ज़िंदगी ही नहीं
मेरे हाथों में तेरे हाथ की लकीरे
मिले तो हो जाए क़िस्मत पूरी
एक चाँद है, और सूरज है एक ही
तेरी जन्नत जैसी सूरत है एक ही
उजियारा है जग में सूरज की किरणो से
मेरे जग की रौशनी तो है तुम से ही
तेरी महक के फूल खिलें मेरे मन में
जो तेरे ख़याल मेरे मन में आ जाए
ज़िंदगी सँवर जाए, हर मुश्किल से पार पा लूँ
जो तेरा पावन प्यार मेरे जीवन में आ जाए